राजनैतिक-दुष्ट-महत्वाकांक्षा अपने चरम पतित स्तर पर दिल्ली में , अत्यंत क्षुब्ध हूँ !
वैश्विक-महामारी में यूरोपियन यूनियन के द्वारा जो पतितता देखने को मिला उसका पूर्ण विकसित स्वरूप दिल्ली में केजरीवाल की राजनीति में पूर्ण उभार के साथ देखता हूँ !
भारत के संदर्भ में एक संघीय ढांचे की रीढ़ तोड़ने और पोस्ट-कोरोना राजनैतिक परिवेश की डरावनी झलक अभी से दिखने लगा है ।
आपदा को अवसर बनाना जैसे सैद्धांतिक दुष्टता का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन और धूर्त-चाटुकार-लोलुपों द्वारा केजरीवाल के इस नरभक्षी भोज का समर्थन कल्पना से परे है ।

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